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khud ko khojne ka safar

Thursday, October 28, 2010

ये जिन्दगी एक इम्तिहान



















नर्म मुलायम सी
खुबसूरत सी दिखती है जिन्दगी,
भीतर गर्म लावे सी पिघलती है
पल पल ये जिंदगी ,
मौहौल है मैला मैला सा
हर इंसान है भटका भटका सा,
किस से  क्या उम्मीद करूँ 
हर तरफ है मायूसी ,
हर चेहरे पर है बेचारगी 
हालात ऐसे ही बनाती है जिंदगी,
एतबार जो बहुत था खुद पर
 कतरा कतरा बिखर गया,
जाना  था किस राह मुझे
कहाँ ले आई मुझे ये जि,न्दगी
गिर के फिर से उठ कर
चलने की जिद करती हूँ,
खीचने को  वापस गर्त मे
मचलती है जिंदगी.
मुझे भी जिद है बर्बाद होने की
रोकने  से रुकुगी नहीं,
ले ले कितने भी
इम्तिहान ये जिन्दगी.

(चित्र गूगल से साभार )

.

17 comments:

  1. मुझे भी जिद है बर्बाद होने की
    रोकने से रुकुगी नहीं,
    ले ले कितने भी
    इम्तिहान ये जिन्दगी.
    मंजुला जी बहुत सकारात्मक सोच है प्रेरणा देती रचना के लिये बधाई।

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  2. thanks ..Nirmalajee....hausala afjai ke liye...

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  3. इस शानदार रचना पर बधाई ....जैसे मैंने पहले भी कहा है आप कुछ उचाईयों को छूती हैं यही मुझे पसंद आता है ....बहुत सुन्दर भाव भर दिए हैं आपने ....और तस्वीर के चयन में आपकी पसंद की दाद देता हूँ |

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  4. "मुझे भी जिद है बर्बाद होने की
    रोकने से रुकुगी नहीं,
    ले ले कितने भी
    इम्तिहान ये जिन्दगी"

    सोच को सलाम सभी. रास्ता यही सही है सभी जानते हैं लेकिन मानते नहीं. हम दूसरों को तो नहीं रोक सकते लेकिन खुद उस राह पर चल पायें ....... हार्दिक शुभकामनाएं - सोच और रचना के लिए बधाई.

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  5. sakaratmak soch kee misal hai ye rachana..............
    aabhar

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  6. manjulaa ji bahut hi khubsurat shabdon me piroya hai aapane apani kavita ko or bahut hi gahare arth hai har shab ke badhaai

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  7. ik baar or dil chahata hai ki kahun bahut badhiyan aapaki is kavita se bhatake huon ko apani raah talaashne me aasani hogi

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  8. मंजुला जी बहुत ही बेहतरीन रचना है आपकी....
    काफी सारे एहसास झलक रहे हैं...

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  9. जाना था किस राह मुझे
    कहाँ ले आई मुझे ये जि,न्दगी
    गिर के फिर से उठ कर
    चलने की जिद करती हूँ
    very nice.. yu hi likhti rahiye.....

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  10. This comment has been removed by the author.

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  11. yahi to hai jindagi
    kahte hai khuli kitaab ese
    phir bhi aaj talak
    kaun pad paayaa ese

    bahut khoobsoorat rachna k liy badhaee

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  12. आप सभी लोगो को बहुत बहुत धन्यवाद .......

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  13. जीवन के उतार चड़ाव का नाम ही तो जेंदगी है ... ये तो होता ही रहता है .... निराशा की बात क्यों .... बर्बाद होने की बात क्यों ....
    आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....

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  14. दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें ... ...

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  15. bahut khoob.
    kaafir ko banaa deti hai taveez kaa mureed,
    ek kabra ko mazaar banaatee hai zindagee.

    is kaa bhi intezaam ke bezaar na hon log,
    har roz nai aas bandhaati hai zindagee.

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  16. waaaahhhhh

    kya imtihaannnnnnnnn

    barbaad hone ki jid.........

    kya baat haiiiiiiiiiiiiiii

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