Pages

khud ko khojne ka safar

Tuesday, November 23, 2010

तेरे साथ का वादा












तुम बिन जीवन मे
 एक अजीब सी कमी है .
जैसे खुशबू ही न हो जीवन मे  ,
भले ही वो फूल सी खिली है .
तुम जो साथ होते हो ,
अजब चमत्कार होता है .
मंजिल तक जाकर लगता है ऐसा,
जैसे मै नहीं मंजिल मेरे पास तक चली है .
रास्ता पता है तो भी क्या ,
तुम साथ आओगे  इसलिए रुकी हूँ  .
तुम साथ होकर भी साथ हो या न हो ?
बस ये प्रश्न पर मै उम्र भर ढगी हूँ .
उगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
आकर्षित करता है तो क्या .
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
मै अंधेरो मै ही भली हूँ.

25 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर कवीता, कितनी बड़ी बात की सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो मैं अँधेरे में भली हूँ बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति वो इक गीत है न ,तेरे बिना जिन्दगी भी , लेकिन जिन्दगी नहीं वाली बात है यूँ ही लिखते रहिये

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर कविता

    ReplyDelete
  3. आदरणीय मंजुला जी
    नमस्कार !
    आकर्षित करता है तो क्या .
    सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
    मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
    प्र अच्छी कविता .....अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.

    ............,हार्दिक शुभकामनाएं हैं …
    संजय भास्कर

    ReplyDelete
  4. ... bahut sundar ... behatreen ... badhaai !!!

    ReplyDelete
  5. उगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
    आकर्षित करता है तो क्या .
    सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
    मै अंधेरो मै ही भली हूँ.

    vah kya baat hai

    ReplyDelete
  6. owner of naya savera & mere bhav ,kunwar kusumesh jee bahut bahut sukriya

    ReplyDelete
  7. bahut hi sundar rachna hai manjula ji.....
    aisi rachnayein ekdum dil tak pahunchti hain....

    ReplyDelete
  8. सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
    मै अंधेरो मै ही भली हूँ

    दिल से निकली पंक्तियाँ ...अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  9. सुन्दर कविता है मंजुला जी.

    ReplyDelete
  10. shekhar,sangitajee,vandanajee bahut bahut dhanyawad aapka...

    ReplyDelete
  11. विरह और मिलन का अच्छा चित्रण। किसी शायर ने कहा भी है कि तेरे होते हुये आजाती थी सारी दुनियां -आज तन्हा हूं तो कोई नहीं आने वाला

    ReplyDelete
  12. बहुत प्यारी भावनाएं... सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  13. shrivastavajee,pooja ..bahut bahut dhanyawaad

    ReplyDelete
  14. आपकी कविता पढ़कर मन अभिभूत हो गया ,

    ReplyDelete
  15. उगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
    आकर्षित करता है तो क्या .
    सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
    मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
    अच्छी सुंदर भावपूर्ण रचना

    ReplyDelete
  16. सुन्दर भावपूर्ण कविता है मंजुला जी

    ReplyDelete
  17. mridilajee rachnajee bahut bahut sukriya mera hausala badane ke liye..........

    ReplyDelete
  18. निराशा कैसी भी हो कहीं न कहीं रौशनी नज़र आती है, बस समझने की बात भर है ! शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  19. भविष्य में पढने के लिए आज से आपको फालो कर रहा हूँ !
    फालोवर विजेट्स को ब्लॉग के नीचे न लगा कर कृपया ऊपर लगायें !

    ReplyDelete
  20. सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,मै अंधेरो मै ही भली हूँ..अच्छी कविता है, बहुत ही भावपूर्ण।

    ReplyDelete
  21. Jaikhishnajee,satishjee,sharadjee bahut bahut dhanyawaad. Aapki advice manli satishjee.

    ReplyDelete