एक अजीब सी कमी है .
जैसे खुशबू ही न हो जीवन मे ,
भले ही वो फूल सी खिली है .
तुम जो साथ होते हो ,
अजब चमत्कार होता है .
मंजिल तक जाकर लगता है ऐसा,
जैसे मै नहीं मंजिल मेरे पास तक चली है .
रास्ता पता है तो भी क्या ,
तुम साथ आओगे इसलिए रुकी हूँ .
तुम साथ होकर भी साथ हो या न हो ?
बस ये प्रश्न पर मै उम्र भर ढगी हूँ .
उगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
आकर्षित करता है तो क्या .
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
बहुत ही सुन्दर कवीता, कितनी बड़ी बात की सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो मैं अँधेरे में भली हूँ बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति वो इक गीत है न ,तेरे बिना जिन्दगी भी , लेकिन जिन्दगी नहीं वाली बात है यूँ ही लिखते रहिये
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeletethanks mamta .....
ReplyDeleteआदरणीय मंजुला जी
ReplyDeleteनमस्कार !
आकर्षित करता है तो क्या .
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
प्र अच्छी कविता .....अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
............,हार्दिक शुभकामनाएं हैं …
संजय भास्कर
thanks sanju .......
ReplyDelete... bahut sundar ... behatreen ... badhaai !!!
ReplyDeleteउगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
ReplyDeleteआकर्षित करता है तो क्या .
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
vah kya baat hai
owner of naya savera & mere bhav ,kunwar kusumesh jee bahut bahut sukriya
ReplyDeletebahut hi sundar rachna hai manjula ji.....
ReplyDeleteaisi rachnayein ekdum dil tak pahunchti hain....
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
ReplyDeleteमै अंधेरो मै ही भली हूँ
दिल से निकली पंक्तियाँ ...अच्छी प्रस्तुति
सुन्दर कविता है मंजुला जी.
ReplyDeleteshekhar,sangitajee,vandanajee bahut bahut dhanyawad aapka...
ReplyDeleteविरह और मिलन का अच्छा चित्रण। किसी शायर ने कहा भी है कि तेरे होते हुये आजाती थी सारी दुनियां -आज तन्हा हूं तो कोई नहीं आने वाला
ReplyDeleteबहुत प्यारी भावनाएं... सुन्दर रचना...
ReplyDeleteshrivastavajee,pooja ..bahut bahut dhanyawaad
ReplyDeleteआपकी कविता पढ़कर मन अभिभूत हो गया ,
ReplyDeleteउगते हुए सूरज का नर्म उजाला ,
ReplyDeleteआकर्षित करता है तो क्या .
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,
मै अंधेरो मै ही भली हूँ.
अच्छी सुंदर भावपूर्ण रचना
bahot achchi lagi.
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण कविता है मंजुला जी
ReplyDeletemridilajee rachnajee bahut bahut sukriya mera hausala badane ke liye..........
ReplyDeleteAmarjeet ji aapka bhi bahut dhanyawaad
ReplyDeleteनिराशा कैसी भी हो कहीं न कहीं रौशनी नज़र आती है, बस समझने की बात भर है ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteभविष्य में पढने के लिए आज से आपको फालो कर रहा हूँ !
ReplyDeleteफालोवर विजेट्स को ब्लॉग के नीचे न लगा कर कृपया ऊपर लगायें !
सिर्फ तेरे साथ का वादा हो तो ,मै अंधेरो मै ही भली हूँ..अच्छी कविता है, बहुत ही भावपूर्ण।
ReplyDeleteJaikhishnajee,satishjee,sharadjee bahut bahut dhanyawaad. Aapki advice manli satishjee.
ReplyDelete