जीना बहुत आसन है ,
हँसना भी मुस्किल नहीं
पर परते उतारना हमारी आदत है,
अच्छाई को छिल कर बुराई निकलना ,
हमें सुख देता है सुकून देता है ,
अच्छाई को गुना करने की किसी को फुर्शत नहीं ,
बुराई को पल मे कई गुना करना हमारी ताकत है ,
सच खुसबू मे लिपटा हुआ आता है ,
हमारी हरकतों से बदबूदार होके लौट जाता है
खुद ही सबकुछ मुस्किल करते है
फिर कहते है जीना मुस्किल है
मुस्कुराना आसन नहीं
यही आज का जीवन है
यही सच है इस दौर का
WOw nice poem
ReplyDeleteThe line muskurana aasan nahi really nice
i liked it
Waiting for more to come
सच्ची और बहुत अच्छी बात
ReplyDeleteकिस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
ReplyDeleteज़िन्दगी की सच्चाई बताती सुन्दर रचना
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