Pages

khud ko khojne ka safar

Monday, June 28, 2010

मन उदास तो है
पर एक सुकून सा है ,
चले जाना उसका इस तरह
तकलीफ देता तो है ,
फिर भी उसको जबरदस्ती रोकना
जादा तकलीफ देता था,
मै बहुर खुश थी उसके साथ
पर उसे इस बात का यकीं न था,
मै हमेशा उसके साथ थी मगर
वो साथ होके भीकभी मेरे साथ न था ,
मैंने ही उसे जाने दिया ये बात चुभती तो है
फिर भी पता नहीं क्यों उसका जाना सुकून दे गया

1 comment:

  1. वाह !! एक अलग अंदाज़ कि रचना ......बहुत खूब

    ReplyDelete