तुम जब मिले
कोई दोस्त न था जीवन मै,
सब ढल चूका था
कोई रंग न था जीवन मै ,
तुम दोस्त बनके जीवन मै सामिल हुए
और मुस्कान बनके मेरे जीवन मै छा गए
कोई रिश्ता ऐसा भी होगा कोई मान नहीं पायेगा
"दोस्त" नाम के इस रिश्ते को कौन समझ पाएगा
प्यार ,आत्मीयता,आदर सबकुछ है फिर भी ,
जरुरी नहीं सबकुछ कहा ही जाये ,
दुःख सुख सब मिलके बाट लेते है ,
दूर होके भी ये क्या कम है ,
जब भी तुम अकेला महसूस करो कभी भी ,
भूल मत जाना तुम्हरे दोस्त हम है
तुम्हारे दोस्त हम है ,
manjula , bahut khub khud ko isi tarah vyakt karati raho sundar vichar
ReplyDeletevaise mera ik or blog hai mvvyasmamta.blogspot.com kabhi aana tum meri gali tumhe palako pe rakhkhe ji
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