खुद को खोजने का एक सफ़र
हजरों लोगो से रोज़ मिलना जिंदगी का हिस्सा है कभी तन्हाई मे खुद से भी मिलना अच्छा लगता है .
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khud ko khojne ka safar
Monday, June 28, 2010
जब भी तनहा मै होती हूँ,
खुद के बहुत करीब होती हूँ ,
बहुत से सवालो के जवाब मिलते हैं
जब हम खुद के साथ होते है,
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