हजरों लोगो से रोज़ मिलना
जिंदगी का हिस्सा है
कभी तन्हाई मे खुद से भी मिलना
अच्छा लगता है .
Pages
khud ko khojne ka safar
Friday, April 30, 2010
खुश रहना सच बोलना दूशरो की मदद करना नम्रता जो है उसमे खुश रहना दयालू होना ये सब मनुष्य के स्वभाबविक गुण है कोई धर्म या किताबो से सिखने की चीज़ नहीं . चलिए मनुष्य बने इन गुणों को खुद मै वापस जिंदा करे
No comments:
Post a Comment