Pages

khud ko khojne ka safar

Wednesday, March 17, 2010

छोड़ कर कल का अँधेरा ,
एक लम्बी सांस लो,
बीत गया सो बीत गया ,
आज फिर एक नयी आस लो,
रास्ता मुस्किल तो क्या,
फासला जादा तो क्या ,
मंजिल मिलेगी जरुर ,
मन मै ये विस्वास लो ,

No comments:

Post a Comment