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khud ko khojne ka safar

Wednesday, March 17, 2010

मुझे अच्छा लगता है खुद से बातें करना,
तन्हाई मै बैठ कर खुद से सवाल जवाब करना
थक गई थी खुद को दुनिया की नज़र से देख कर,
बहुत अद्भुत था वो खुद से मिल के देखना .

1 comment:

  1. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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