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khud ko khojne ka safar

Thursday, December 1, 2011

 


















ए हवा तू किस  शहर से आती है ?
क्यों तेरी हर लहर से उसकी महक आती है .

सबकुछ महफूज़ करने की मेरी तमाम  कोशिशे ,

उस एक झोंके से फिर से बिखर  जाती है .

मेरी खुशनुमा जिंदगी सिहर उठती है उस पल,

जब तेरे कण कण से उसकी बददुआ  की बू आती है

क्या फिर से उसने दी है मुझे बर्बाद होने की दुआ ?

क्यों तेरी हर लहर से मुझे खंजर की बू आती है .

16 comments:

  1. बहुत सधे हुए शब्द .... सशक्त भावनाओ के साथ ..... गहरी भावनाओ को व्यक्त करती .. सुन्दर अभिव्यक्ती है ...... लिखती रहे ..... कलम में धार के लिए बधाई

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  2. आपकी सुन्दर रचना पढ़ी, सुन्दर भावाभिव्यक्ति , शुभकामनाएं.

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की अनुकम्पा करें.

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  3. क्यों तेरी हर लहर से मुझे खंजर की बू आती है

    वाह ..बेजोड़ भावाभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  4. ए हवा तू किस शहर से आती है ?
    क्यों तेरी हर लहर से उसकी महक आती है.....
    pori kavita prabhvit karti hai.

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  5. ए हवा तू किस शहर से आती है ?
    क्यों तेरी हर लहर से उसकी महक आती है .
    आपने पूरे दिल से शब्द सजोये हैं और इसलिए अहसास दिल तक पहुँच रहे हैं.

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  6. सुन्दर भावपूर्ण अहसास से मन मग्न हो
    गया है...मंजुला जी

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  7. very nice post, i certainly love this website, keep on it

    From Computer Addict

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  8. ब्लॉगजगत की कुछ कवयित्रियों ने एकाध ब्लॉग अपना तनाव बांटने के लिए ही चला रखा है। मैं उम्मीद करता हूं कि आपकी अगली कविताओं में कुछ अन्य धाराएं भी देखने को मिलेंगी।

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  9. क्या फिर से उसने दी है मुझे बर्बाद होने की दुआ ?
    क्यों तेरी हर लहर से मुझे खंजर की बू आती है ...

    बहुत खूब ... कमाल का बोध है इस शेर में ... लाजवाब सोच ..

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  10. BAHUT UMDA RACHNA , KAMAL KER GAYI AAPKI ANUPAM PRASTUTI

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  11. बहुत सुन्दर रचना, सुन्दर भावाभिव्यक्ति , बधाई.


    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें, प्रतीक्षा रहेगी .

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  12. ए हवा तू किस शहर से आती है ?
    bada pyara sambodhan hai hawa ko.....

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  13. हवा जो भी लाये , पर सुकून देती है ! लाजबाब

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  14. वाह खुबसूरत रचना
    (अरुन = www.arunsblog.in)

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