खुद को खोजने का एक सफ़र
हजरों लोगो से रोज़ मिलना जिंदगी का हिस्सा है कभी तन्हाई मे खुद से भी मिलना अच्छा लगता है .
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khud ko khojne ka safar
Tuesday, March 24, 2009
मेरा दर्द .
मेरे लिए हमेशा था वो ईमान की तरह ,
वो निभाता रहा रिश्ता अहसान की तरह ,
उसको पाना मेरी किसी तलाश का अंत था ,
वो समझता रहा मुझे सामान की तरह ,
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